चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय की मीटिंग में फैसला वोटर आईडी से लिंक होगा आधार कार्ड।
संवादाता:- शेख आरिफ ।
नई दिल्ली// चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की थी। बैठक में गृह मंत्रालय, विधायी विभाग और UIDAI के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। यह कदम फर्जी मतदाताओं की पहचान और चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। आने वाले समय में वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान तेज किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ईपीआईसी को आधार नंबर से जोड़ने के लिए अनुच्छेद 326, आरपी अधिनियम, 1950 और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुसार संवैधानिक दायरे में रहते हुए समुचित कार्रवाई करेगा।

इस मीटिंग में यह रहे शामिल।
आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ आज अपने मुख्यालय निर्वाचन सदन में केंद्रीय गृह सचिव, विधि मंत्रालय के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण बैठक की।
चुनाव आयोग पर सवाल उठाता रहा है विपक्ष. विपक्षी दलों की तरफ से मतदाता पहचान पत्रों में धोखाधड़ी और डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्रों को लेकर कई आरोप लगाए गए हैं. विपक्षी नेता कई बार चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार के हितों के साथ तालमेल करने का आरोप लगा चुके हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पहले आधार-वोटर आईडी कनेक्शन को प्रभावी रूप से अनिवार्य बनाने की योजना बनाई थी, हालांकि बाद में 2023 में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए अपने सबमिशन में पैनल ने कहा कि इस तरह की लिंकिंग अनिवार्य नहीं थी.
क्या होगा फायदा। ✔ फर्जी और डुप्लिकेट वोटरों की पहचान होगी. ✔ मतदाता सूची अधिक सटीक और पारदर्शी बनेगी. ✔ डिजिटल वोटिंग की संभावनाओं को बढ़ावा मिले
पर क्या हैं चुनौतियाँ? सुप्रीम कोर्ट के आधार लिंकिंग से जुड़े सख्त नियमों का पालन जरूरी।