संवाददाता:- शेख आरिफ सोहागपुर।
सोहागपुर// नगर के जवाहर वार्ड में पिछले कुछ दिनों से एक निजी भूमि पर मोबाइल टावर लगाने का कार्य किया जा रहा था। जिसे लेकर नागरिकों में भारी नाराजगी थी। बुधवार की दोपहर वार्डवासियों ने विरोध में तेजी दिखाते हुए एसडीएम को सूचित किया कि बिना अनुमति के टावर लगाया जा रहा है। जिसके बाद एसडीएम के आदेश पर राजस्व विभाग के निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली, टावर लगा रहे लोगों से बातचीत की एवं पंचनामा भी बनाया। साथ ही निर्देश दिए हैं कि बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के टावर लगाने का कार्य न किया जाए। उल्लेखनीय है कि तिलक वार्ड में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था। जहां नागरीकों ने टावर लगाने का विरोध किया था। लेकिन बताया जाता है कि वहां टावर लगाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। मामले में शहरवासियों में नाराजगी है कि प्रशासन जन स्वास्थ्य से जुड़े मामलों पर मौन क्यों रहता है।

रेडिएशन से हो सकती है गंभीर बमारियां।

चिकित्सक की माने तो टावर से निकलने वाले खतरनाक रेडिएशन (विकिरण) से आसपास रह रहे लोगों को विभिन्न प्रकार गंभीर बमारियो की चपेट में आने की आशंका रहती है, रेडिएशन निकलने वाली तरंगों के दुष्प्रभाव से कैंसर,
नियम क्या कहता है ।

आवासीय इलाकों में मोबाइल टावर लगाने पर रोक है। प्राधिकरण के बोर्ड में तय मानकों के मुताबिक, आवासीय इलाकों में मोबाइल टावर की अनुमति नहीं है। मोबाइल टावर लगाने से जुड़े कुछ नियम: जेल परिसर के 500 मीटर के दायरे में टावर नहीं लगेंगे। हेरिटेज संपत्तियों से 100 मीटर की दूरी पर टावर नहीं लगेंगे. आबादी वाले इलाके से टावर की दूरी कम से कम 35 मीटर होनी चाहिए। दूरसंचार कंपनियों को निजी संपत्ति पर मोबाइल टावर लगाने से पहले संबंधित प्राधिकरण को लिखित में जानकारी देनी होगी. नगर पालिका से भी एनओसी लेनी होगी, टावर लगाने के लिए, नगर निगम और नगर परिषद 30 हज़ार रुपये और नगरपालिका 20 हज़ार रुपये रजिस्ट्रेशन फ़ीस वसूल सकती है।
स्थानीय लोगों ने कहीं यह बात।
घनी आबादी में लग रहा है टावर से खतरा महसूस हो रहा है, लग रहा है टावर के निकलने वाले रेडिएशन से गंभीर बीमारियां होने का भय लग रहा है, शासन-प्रशासन को घनी आबादी क्षेत्र से लग टावर को हटवान चाहिए, जिससे लोगों मे भय समाप्त हो सके।