मस्जिदों में हो रहा सामूहिक इफ्तार
गाडरवारा / इस्लाम धर्म में रमजान रहमत व बरकत वाला महीना होता है। रमजान में इबादत करने का 70 गुना सबाब मिलता है मर महीने से ज्यादा तिलावत करते हुए रोजा रखकर तराबीह पढ़कर मुस्लिम बंधु अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते है।

रमजान का पवित्र महीना आत्म शुद्धि और दूसरों की मदद करने का संदेश के साथ नेक काम करने का पैगाम देता है रमजान के महीने में सच्ची नियत और पाकीजा दिल के साथ की गई हर नेक दुआ कुबूल होती है।
रमजान में जो लोग जरूरतमंदों की मदद, खैरात जकात व लोगो के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करता है उन बंदों पर अल्लाह खुश होता है रमजान के महीने में अल्लाह की रहमत बरसती है इस महीने में जितनी इबादत की जाए कम होती है।
रमजान की रौनक ओर तराबीह की बरकत से नगर में एकता भाईचारे का माहौल दिखाई दे रहा है। शाम को मगरिब के वक्त का मंजर मस्जिदों में काफी खुशनुमा नजर आता है। रोजेदार सामूहिक रूप से मगरिब की अजान होते ही रोजा इफ्तार करते है।
जामा मस्जिद में भारी तादाद में रोजेदारों ने रोजा इफ्तार किया। फैजान ए मदीना मस्जिद व छोटी मस्जिद में भी प्रतिदिन सामूहिक रोजा इफ्तार जारी है। सभी मस्जिदों में बाहर से आए हुए हाफिज ए कुरान हाफिजो द्वारा तराबीह पढ़ाई जा रही है।
रमजान के पहला अशरा चल रहा है रमजान महीने के पहले दस दिनों के अशरे में जो नेक काम करता है, जरूरतमंदों की मदद करता है, दान खैरात जकात देता है, नेक सुलूक के साथ लोगो से पेश आता है अल्लाह उन पर अपनी रहमत बरसाता है।
रमजान के पहले अशरे में मुसलमान को कसरत के साथ अल्लाह से रहमत व बरकत के लिए दुआ मांगनी चाहिए अल्लाह अपने बंदों की दुआ जरूर कबूल करता है।
नगर में रमजान का एक अलग ही वातावरण नजर आ रहा है मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखकर तिलावत कर इबादत में जुटे हुए है। मस्जिदों में अमनो अमान, एकता भाईचारे, देश की तरक्की खुशहाली के लिए दुआ की जा रही है.
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