सेमरीहरचंद पंचायत में फल-फूल रहा अंकों का खेल (सट्टे) का कारोबार।

अंकों के इस खेल से कर्ज में डूब रहे युवा, उजड़ रहे परिवार, क्षेत्र में बढ़ रहे अपराध।

सोहागपुर क्षेत्र की बड़ी ग्राम पंचायत सेमरीहरचंद में और उसके आसपास के आधा सैकड़ा ग्रामों से ग्रामीण यहां पर प्रतिदिन विभिन्न कार्यों से आते हैं, यहां जनसंख्या का दबाव भी अधिक है जिसके चलते सरकार द्वारा यहां पर अपराध रोकने एवं नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु पुलिस चौकी स्थापित की, पुलिस चौकी की स्थापित करना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि सोहागपुर पुलिस थाना यहां से लगभग 12 किलोमीटर दूर है, सेमरी हरचंद स्थित पुलिस चौकी में थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर हवलदार पुलिसकर्मी नगर सैनिक को जरूरत के हिसाब से तैनात किया गया। नागरिकों को अपेक्षा थी कि चौकी स्थापित होने के बाद अपराध मुक्त वातावरण उनको मिलेगा अवैध कारोबार जैसे जुआ, सट्टा, शराब पर प्रतिबंध लगेगा परंतु स्वच्छ मनसा के विपरीत कार्य होने लगे तो क्या कहा जाएगा, सेमरी हरचंद में इन दोनों अंकों का खेल सट्टे का करोबार (बाजार) अपने चरम पर है ।

राजनीतिक संरक्षण के चलते जगह-जगह खुलेआम सट्टा खिलाया रहा है पूरे क्षेत्र में फैले सट्टा एजेंट दोपहर में ओपन क्लोज के समय और शाम को जोड़ बनने के बाद भारी मात्रा में चौक-चौराहों, पान की गुमटी, सब्जी दुकान, यह तक की सट्टा एजेंटो के घरो के बहार प्रतिदिन भीड़ लगती है और एजेंटो और सट्टा लिख वाने बालों के बिच चुकारा लिया और दिया जाता है। दिखावे के लिए मकान की आधी सटर जरूर बंद कर दी जाती है परंतु अंदर बाहर का नजारा साफ बताता है कि यहां पर अवैध सट्टा कारोबार हो रहा है ऐसा नहीं है की इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं है, व्यक्तिगत लाभ के चलते देखकर भी अंजान बने रहते हैं इस कारोबार से युवक कर्ज में डूब रहे हैं क्षेत्र में अपराध बढ़ रहे हैं नागरिक परेशान है परंतु डर के चलते शिकायत नहीं करते क्योंकि खाईबाज को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है यह खाईबाज सत्ता, पक्ष, विपक्ष, पुलिस और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को चुनौती देता साफ नजर आता है, सट्टा कारोबार को लेकर समाचार पत्रों में लगातार खबर प्रकाशित हो रही है पुलिस भी दिखाने के लिए खाईबाज से एक दो एजेंट के नाम मांग कर उसी के अनुसार एफ.आई.आर दर्ज कर देती है और फिर यही एजेंट पुनः सट्टा पर्ची लिखते नजर आते हैं कई बरसों से अभी तक किसी भी खाईबाज के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं कि है यह साफ बताता है की रसूखदार राजनीतिक संरक्षण प्राप्त खाईबाज कितना ताकतवर है ऐसा केवल फिल्मों में दिखाई देता था, परंतु हकीकत में ऐसा नजारा सेमरी हरचंद में देखने को मिलेगा जहां खुलेआम सट्टा और शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कार्यवाही का भरोसा देते हैं परंतु मामूली करवाई कई सवाल खड़ा करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!