सोहागपुर।संवाददाता:- शेख आरिफ।
प्रतिबंध का उद्देश्य मछलियों की प्रजातियों को बचाना और मत्स्य संसाधनों का संरक्षण करना पर इसके विपरित हो रहा।

सोहागपुर// कलेक्टर सोनिया मीणा ने मछलियों की प्रजातियों को बचाने और मत्स्य संसाधनों का संरक्षण करने एक आदेश जारी कर 16 जून से 15 अगस्त तक के लिए मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगाया है पर कलेक्टर के इस आदेश की अनदेखी हो रही है, जिससे मछलियों का शिकार जारी है बड़े मछली माफिया मछलियों का अलग-अलग जगह भंडारण कर बस वा ट्रेनों से मछलियों का परिवहन भोपाल, गाडरवारा, जबलपुर अन्य शहरों में कर रहे हैं। पिछले दिनों सतपुड़ा टाइगररिजर्व के कोर एरिया में तीन मछली शिकारी नांव और जाल के साथ मछली का शिकार करने की नियत से गये थे वह टाइगर द्वारा उन पर हमला कर दिया गया था। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि देनवा के बैक वॉटर में मछली माफियाओं के शिकारी मजदूरी से उनके लिए शिकार करते हैं और शिकार का पूरा माल सोहागपुर में बड़े शिकारी तक पहुंचाते हैं, मछली माफिया भंडारण कर अलग-अलग शहरों में जरूरत के हिसाब से भेजते हैं।
सूत्र बताते हैं कि सोहागपुर में एक दिन में 1 लाख रूपये से 5 लाख रूपये तक की मछली का अवैध कारोबार हो रहा है। नाम ना छापने की शर्त पर एक शिकारी ने मछली माफियाओं के भंडारण के कुछ अड्डे बताएं हैं जो इस प्रकार हैं सुभाष वार्ड (दूध डेयरी के पास), जवाहर वार्ड (पुराने सरकारी अस्पताल के पास), अंबेडकर वार्ड (पलकमती किनारे) एकत्रित होती है जहां से अन्य शहरों में सप्लाई होती है।
