यू.पी// इटावा में युवक का शादी का जुनून बना जानलेवा, दो बार कर चुका आत्महत्या की कोशिश उम्र 25 साल, पर सपने दूल्हा बनने के ऐसे कि तीन बार खुद मौत से जा टकरा आया। मामला है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के वैदपुरा थाना क्षेत्र के उदयनगर गांव का, जहां एक युवक विमल, शादी की जिद में खुद को खत्म करने पर आमादा है। सोमवार शाम को युवक ने एक बार फिर खुद को खत्म करने का प्रयास किया — धारदार हथियार से खुद का गला रेत डाला। जब वृद्ध पिता रामदीन बाजार से घर लौटे, तो देखा कि बेटा खून से लथपथ ज़मीन पर तड़प रहा है। परिजन किसी तरह युवक को इटावा जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन शादी करने की सनक ऐसी के युवक की जिद का नाटक यह भी खत्म नहीं हुआ और बिना इलाज कराऐ गंभीर हालत में वह अस्पताल से भाग निकला।

पहले भी कई बार दी थी जान देने की धमकी।
पहले भी दी थी जान देने की धमकी, 4 दिन पहले लगाया था फांसी का फंदा परिजनों के मुताबिक, यह पहली बार नहीं था जब युवक ने आत्महत्या का प्रयास किया हो चार दिन पहले भी युवक ने फांसी लगाने की कोशिश की थी। उसे गंभीर हालत में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल लाया गया था। तब भी बड़ी मुश्किल से डॉक्टरो ने उसकी जान बचाई थी। लेकिन हर बार की तरह ना समझ आई, ना सुध, इस बार विमल ने घर के अंदर धारदार चाकू से खुद का गला काट लिया। पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, उन्होंने गांव के खेतों से युवक को खोज निकाला और तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे सैफई पीजीआई रेफर कर दिया। लेकिन जब तक 102 एम्बुलेंस पहुंची, युवक अस्पताल से फरार हो गया।
*शादी करवा दो वरना मर जाऊंगा!”
विमल के पिता रामदीन का कहना है, “बेटा हर रोज शादी की जिद करता है। कहता है कि सबकी शादी हो रही है, मेरी क्यों नहीं? मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि उसका घर बसा सकूं। ऊपर से जो भी कमाता है, वह शराब में उड़ा देता है। घर में रोज कलह होती है। एक बेटी की शादी कर चुका हूं, एक बेटा छोटा है। अब इसे कैसे समझाएं?”परिजन बताते हैं कि विमल मानसिक रूप से भी अस्थिर लगने लगा है। छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करता है, और शादी के नाम पर तो मानो पागल हो जाता है, इलाज की बात करो तो भाग जाता है।
*डॉक्टर बोले – गले में गहरी चोट थी, स्थिति नाजुक*
डॉक्टर ओम राजपूत, जो उस वक्त ड्यूटी पर थे, ने बताया, “युवक को जब लाया गया, तब उसकी हालत गंभीर थी। गले में गहरी कट लगी थी। हमने प्राथमिक उपचार कर उसे पीजीआई रेफर किया, लेकिन बताया गया कि वह अस्पताल से एम्बुलेंस आने से पहले ही भाग निकला।”अब पुलिस और परिवार उसकी तलाश में लगे हैं। गंभीर रूप से घायल युवक का इस तरह भाग जाना न सिर्फ अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि परिवार की असहाय स्थिति को भी उजागर करता है।
*कहानी से निकलते सवाल*
क्या विमल मानसिक रोग से पीड़ित है?• क्या सिर्फ शादी न होना ही वजह है या उसके पीछे कोई और सामाजिक दबाव है?• क्या सरकारी व्यवस्था ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए तैयार है?विमल की कहानी इटावा की गलियों से निकलकर पूरे समाज को आइना दिखा रही है। जहां एक ओर युवाओं के मन में शादी की सामाजिक और मानसिक दबाव इतनी गहरी जड़ें जमा चुका है, वहीं दूसरी ओर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज की उदासीनता भी साफ दिखती है। विमल को आज शायद दुल्हन नहीं, एक डॉक्टर की सख्त ज़रूरत है और उसके जैसे सैकड़ों विमलों को समझदारी और संवेदना की।