सोहागपुर।संवाददाता:- शेख आरिफ।
“स्टेट हाईवे 22 पर जल भराव से एक्सीडेंट्स होने वा गंभीर बमारीयो के फ़ैलाने की संभावना अत्यधिक बढ़ गई है”
सोहागपुर के गौतम वार्ड से निकलने बाले स्टेट हाईवे क्रमांक 22 पर हनुमान मंदिर के सामने वर्षों से जमा हो रहा गंदा पानी अब स्थानीय नागरिकों के लिए गंभीर नासूर बन गया है। नगर परिषद की अनदेखी और लापरवाही के चलते न केवल श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश के लिए गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है,
बल्कि आसपास के दुकानदारों और रहवासियों, स्कूल जाने बाले छोटे बच्चों, बुजुर्गों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी देवेंद्र कुशवाहा ने इस विषय को गंभीरता से उठाते हुए जनसुनवाई में एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया।
आवेदन में बताया गया कि नगर परिषद द्वारा “कायाकल्प योजना” के अंतर्गत सड़क चौड़ीकरण कार्य किया गया था, परंतु निर्माण के दौरान वाटर लेवल का समुचित ध्यान नहीं रखा गया। इसके चलते हल्की वर्षा या सीवरेज जल निकासी न होने की स्थिति में सड़क पर मंदिर के सामने जल जमाव की स्थिति बन जाती है।
*बीमारियों का बढ़ता खतरा*
स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं, जिससे मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बना हुआ है। श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में भारी परेशानी हो रही है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं कीचड़ व बदबू से गुजरने को मजबूर हैं। वहीं सड़क किनारे रहने वाले लोग दुर्गंध और गंदगी से त्रस्त हो चुके हैं।
*तेज गति से निकलने वाले वाहन बढ़ा रहे मुसीबत*स्थानीय नागरिकों ने बताया कि स्टेट हाईवे से गुजरने वाले भारी वाहन जब तेज रफ्तार में जलभराव वाले हिस्से से निकलते हैं, तो गंदा पानी आसपास की दुकानों, घरों और राहगीरों पर छींटता है। इससे दुकान संचालकों को व्यापार में और राहगीरों को आने-जाने में अत्यधिक कठिनाई होती है।
*जनता की मांग – जल्द से जल्द हो स्थाई समाधान*
वार्डवासियों ने नगर परिषद से मांग की है कि जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाए। मंदिर के सामने उचित ढलान और नालियों का निर्माण कर जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि भविष्य में यह समस्या न बने और श्रद्धालु, दुकानदार, निवासी व राहगीर सभी राहत महसूस करें।
*प्रशासन की चुप्पी बनी सवाल*हालांकि नागरिकों द्वारा कई बार नगर परिषद को इस विषय में सूचित किया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे स्थानीय जनता में नाराजगी व्याप्त है।
जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत करने के बाद अब लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन इस विषय को गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान की दिशा में कदम उठाएगा।
