परिवार से बिछड़ी नाबालिग बालिका को नरसिंहपुर पुलिस ने परिजनों से मिलाया, चेहरे पर लौटी मुस्कान
स्थान: नरसिंहपुर | दिनांक: 22 दिसम्बर 2025
नरसिंहपुर पुलिस की सजगता और संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण सामने आया है। लगभग डेढ़ माह पूर्व अजमेर (राजस्थान) क्षेत्र से गुम हुई 14 वर्षीय नाबालिग बालिका को नरसिंहपुर पुलिस ने परिजनों से मिलवाया। बालिका भटकते हुए नरसिंहपुर पहुंची थी, जहाँ उसे अपने घर या परिजनों की कोई जानकारी नहीं थी।
डायल 112 की सूचना पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई
दिनांक 19 दिसम्बर 2025 को डायल 112 के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि आरटीओ कार्यालय के पास एनएच-44 पर एक नाबालिग बालिका अकेली घूम रही है। ड्यूटी में तैनात पुलिस टीम ने तत्काल मौके पर पहुँचकर बालिका को संरक्षण में लिया और आवश्यक पूछताछ के बाद उसे वन स्टॉप सेंटर भेजा गया।
एसपी के निर्देश पर बनी विशेष पुलिस टीम
मामला पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना के संज्ञान में आने पर अति. पुलिस अधीक्षक संदीप भूरिया एवं एसडीओपी नरसिंहपुर मनोज गुप्ता के निर्देशन में नाबालिग बालिका के परिजनों की तलाश हेतु एक विशेष टीम गठित की गई। बालिका द्वारा बार-बार अजमेर का नाम लेने पर राजस्थान पुलिस से समन्वय स्थापित किया गया।
राजस्थान पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बालिका लगभग डेढ़ माह पूर्व अजमेर से गुमशुदा दर्ज की गई थी। पुष्टि होने पर नरसिंहपुर पुलिस ने तत्काल परिजनों से संपर्क कर उन्हें नरसिंहपुर बुलाने की व्यवस्था की।
परिजनों से मिलते ही खिल उठा बालिका का चेहरा
आज दिनांक 22.12.2025 को विधिवत प्रक्रिया के तहत नाबालिग बालिका को उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया। अपनी गुमशुदा बेटी को देखकर परिजनों की आँखों में खुशी के आँसू थे, वहीं बालिका भी परिवार से मिलकर भावुक हो उठी।
नरसिंहपुर पुलिस की इस मानवीय और संवेदनशील कार्यवाही से परिवार में एक बार फिर खुशियाँ लौट आईं और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हुआ।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
इस सफल कार्यवाही में थाना कोतवाली नरसिंहपुर के थाना प्रभारी निरीक्षक गौरव चाटे, आरक्षक सुधीर यादव, महिला आरक्षक योगिता, महिला आरक्षक रीना, वन स्टॉप सेंटर की अंजिता श्रीवास्तव तथा महिला बाल विकास अधिकारी राधेश्याम वर्मा की सराहनीय भूमिका रही।
