साइबर ठगों से साठगांठ के आरोप में थाना प्रभारी और एएसआई निलंबित।

प्रधान आरक्षक भी हुए निलंबित।

संवादाता: शेख आरिफ।

मध्य प्रदेश//भोपाल में साइबर ठगी के कॉल सेंटर मामले में साठगांठ के आरोप में ऐशबाग थाने के प्रभारी (TI) जितेंद्र गढ़वाल समेत एएसआई पवन रघुवंशी, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र, प्रधान आरक्षक मनोज को पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा के द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है. ठोस सबूतों के आधार पर यह सख्त कार्रवाई की है. इस मामले में पहले से ही एक ASI पवन रघुवंशी लाइन अटैच था।भोपाल शहर के प्रभात चौराहे के पास एक कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। जिसका सरगना अफजल खान/मोइन खान था लोगों को फायदा का लालच देकर पैसे निवेश करवाता थे. शिकायत मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कॉल सेंटर पर छापा मारा।

छापेमारी में 100 कंप्यूटर,मोबाइल और 29 सिम जब्त किए गए. अफजल खान और उसकी बेटी साहिबा खान के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया. जांच में कॉल सेंटर कर्मचारियों के करीब 50 बैंक खातों की जानकारी भी सामने आये है।

साठगांठ के सबूत

जांच में पता चला कि ऐशबाग टीआई जितेंद्र गढ़वाल (जित्तू) और कुछ पुलिसकर्मी कॉल सेंटर संचालकों के साथ मिले हुए थे। पुलिस कमिश्नर के हाथ सबूत मिलने के बाद गढ़वाल और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई साइबर ठगी की जांच में लापरवाही और संलिप्तता के गंभीर आरोपों के बाद की गई. ASI पवन रघुवंशी पहले ही इस मामले में लाइन अटैच हो चुका था।

मास्टर माइंड को बचाने हुआ सौदा

एएसआई पवन रघुवंशी ने मामले की जांच में यह पता कर लिया था कि साइबर ठगी का संचालक अफजल खान तो सिर्फ एक मोहरा है। असल में पूरे गिरोह का संचालन मोईन खान करता। पवन ने मोईन से बात की उसे इस पूरे मामले में उसे बचाने के लिए 25 लाख रुपये में सौदा तय किया।

क्राइम ब्रांच को लगाया पीछे

एएसआई पवन रघुवंशी की लाइन हाजिर होने के बाद भी जरूरत से ज्यादा सक्रियता इस मामले में दिख रहे थे जहांगीराबाद एसीपी सुरभि मीणा को एएसआई की सक्रियता संदिग्ध लग रही थीं, इसलिए उन्होंने क्राइम ब्रांच से मदद से एएसआई की निगरानी कराई। निगरानी में पुलिस को पता चला कि पवन रघुवंशी, ऐशबाग थाने के टीआई जितेंद्र गढ़वाल, हवलदार धर्मेंद्र सिंह और एएसआई मनोज कुमार के संपर्क में है।

जनता में चर्चा

यह घटना राजधानी में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रही है. लोगों का कहना है कि अगर पुलिसकर्मी ही ठगों के साथ मिल जाएंगे, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे होगी. इस कार्रवाई से पुलिस की साख को मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है.

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