संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में हो रही भक्तिरस के आनंद की वर्षा
गाडरवारा/ नगर में शनि मंदिर के पास एनटीपीसी आडिटोरियम के सामने 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा से नगर का माहौल धर्ममय बना हुआ है । कथा में प्रतिदिन दूरदराज से लोग शामिल होकर पुण्यलाभ ले रहे हैं ।
बीते रविवार को कथा के पांचवे दिन आरती के बाद कथावाचक महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव सरस्वती महाराज ने भगवान कृष्ण के जन्म के बाद की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म से गोकुल में खुशी एवं मथुरा में दुख का माहौल है। कंस बहुत दुःखी है। उन्होंने आगे कहा कि दुष्ट कर्म एवं विचार बहुत दिनों तक साथ नही देते है एक दिन अंत जरूर होता है।
उन्होंने कहा कि धर्म का विरोध एवं माता पिता का विरोध जो करता है उसे समाज मे अपयश मिलता है। संत आचार्य एवं ब्राह्मण का हमेशा सम्मान करना चाहिए यदि उनका अपमान होगा तो कंस की तरह रोना होगा। जीवन में सफलता के लिए संत महात्माओं का सत्संग जरूरी है। उनके दर्शन से पुण्य मिलता है।

कथा में उंन्होने आगे कहा कि श्रीमद भागवत कथा से समाज मे सुधार होना चाहिए तभी कथा आयोजन की सार्थकता है। उन्होने कहा कि भगवान जन्म लेने के लिए मानव का शरीर पसंद करते है कलियुग में भगवान मानव के शरीर से नाराज चल रहे है
क्योंकि कलयुग में मानव शरीर अनेक बीमारियों से ग्रसित हो चुका है। विदित हो कि कथा में प्रतिदिन संगीतमय प्रवचनों में श्रद्धालु झूमकर नाचते है। कथा के अंत मे आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ पांचवे दिन की कथा का समापन किया गया। कथा के पांचवे दिन बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।